काशी से किसानों को पीएम मोदी का संदेश, कहा- छल नहीं, गंगाजल जैसी नीयत से हो रहा है काम
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किसानों के विरोध प्रदर्शन का पांचवां दिन है। इस बीच दिल्ली से दूर अपने संसदीय क्षेत्र से पीएम मोदी ने अन्नदाताओं को भरोसा, कृषि कानूनों पर बात और विपक्षियों को जवाब दिया ।वाराणसी के खजुरी में प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन्होंने किसानों के साथ छल किया है वे ही अब कृषि कानून पर किसानों में भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए कानून किसानों को विकल्प देने वाला है।

एमएसपी हटाने की अफवाहों पर पीएम मोदी ने जवाब दिया कि हमारी सरकार तो मंडियों को आधुनिक बनाने पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। MSP पर किसानों की उपज बेची जा रही है अगर मंडी और एमएसपी को खत्म करना होता तो करोड़ों क्यों खर्च करते ?, उन्होंने कहा कि अगर कोई पुराने सिस्टम से लेन-देन को उचित समझता है तो इस कानून में कोई रोक नहीं लगाई है। नए कृषि सुधारों से नए विकल्प और किसानों कानूनी संरक्षण दिए गए हैं।
किसानों के आंदोलन पर पीएम मोदी ने कहा कि सरकारें नीतियां, कानून-कायदे बनाती हैं, नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही है, ये लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में ये जीवंत परंपरा रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि जिन किसान परिवारों की अभी भी कुछ चिंताएं हैं, कुछ सवाल हैं, तो उनका जवाब भी सरकार निरंतर दे रही है। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन कृषि सुधारों का लाभ उठाकर, अपनी आय बढ़ाएंगे।
विपक्षियों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय से देश में एक अलग ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। पहले अगर सरकार का कोई फैसला पसंद नहीं आता था तो विरोध होता था। पर अब विरोध का आधार फैसला नहीं है बल्कि भ्रम फैलाकर, आशंकाएं फैलाकर, भविष्य की अनहोनी घटनाओं का आधार बनाया जा रहा है। पीएम ने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध करने वाले कहते हैं कि फैसला तो ठीक है, लेकिन भविष्य में इसे लेकर क्या-क्या होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। विरोधी दल बिना आधार की दलीलें दे रहे हैं। जो अभी हुआ ही नहीं है और भविष्य में भी नहीं होगा, उसे लेकर समाज में भ्रम फैलाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब छल नहीं, गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम किया जा रहा है।
