लालू का दांव पेंच ना आया काम, NDA के विजय कुमार सिन्हा बने बिहार विधानसभा अध्यक्ष
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बिहार विधानसभा के स्पीकर के लिए हुए चुनाव में एनडीए की जीत हुई है। लखीसराय सीट से लगातार तीसरी बार जीते बीजेपी विधायक विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा के स्पीकर चुने गए है। विजय कुमार सिन्हा ने महागठबंधन के उम्मीदवार अवध बिहारी को हराया है, हंगामे के बीच संपन्न हुई वोटिंग में विजय सिन्हा को 126 वोट और महागठबंधन के अवध बिहारी चौधरी को 144 वोट मिले। वोटिंग प्रक्रिया में 240 सदस्य शामिल हुए थे।

सदन में वोटिंग के दौरान सीएम नीतीश कुमार, मंत्री अशोक चौधरी और मुकेश सहनी की मौजूदगी का विपक्ष ने विरोध किया। विपक्ष ने कहा कि ये नेता सदन के सदस्य नहीं है इसलिए विधानसभा में रहने का कोई हक नहीं है। विपक्ष की इस मांग को प्रोटेम स्पीकर ने इनकार कर दिया। प्रोटेम स्पीकर जीतम राम मांझी ने कहा कि सीएम के नाते नीतीश कुमार सदन में मौजूद रह सकते हैं, वो चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। आपको बता दें कि नीतीश कुमार बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं, विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। इससे पहले भी विधानसभा के स्पीकर के चुनाव के वक्त दूसरे सदन के सदस्य मौजूद रहे हैं। जब राबड़ी देवी बिहार की सीएम थीं, तब उनके पति लालू प्रसाद यादव सांसद होने के बावजूद सदन में मौजूद रहे थे।
विजय कुमार सिन्हा साल 2010, 2015, 2020 के विधानसभा चुनाव में लखीसराय सीट से चुने गए। 2005 में भी वो विधायक चुने गए थे लेकिन किसी दल को बहुमत नहीं मिलने के कारण बिहार विधानसभा का गठन नहीं हो पाया था। राष्ट्रपति शासन के 6 महीने के बाद हुए चुनाव में आरजेडी के फुलेना सिंह से विजय कुमार सिन्हा सिर्फ 81 वो से हार गए थे
स्पीकर चुनाव से ठीक पहले लालू यादव का एक कथित ऑडियो सामने आया जिसमें वो सरकार गिराने की बात कर रहे हैं। पीरपैंती से बीजेपी विधायक ललन पासवान से मोबाइल पर बात की और मंत्री पद का लालच देते हुए स्पीकर चुनाव में एब्सेंट रहने पर जोर देते रहे हैं। लालू ने ललन से कहा कि, कह देना कोरोना हो गया ।
कथित ऑडियो सामने आने के बाद RJD ने इसे ओछी राजनीति बताई साथ ही कहा कि आज के समय में लालू यादव की आवाज में बोलना कोई बड़ी बात नहीं है। बिहार में कई ऐसे लोग हैं, जो लालू यादव की आवाज में बोलते हैं। इसके बाद से बीजेपी ने लालू यादव को तिहाड़ जेल भेजने मांग करने लगी है।
