Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana : सीहोर के किसानों के हित में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ली उच्चस्तरीय बैठक
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Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana
किसानों को खाद वितरण पूरी पारदर्शिता से किया जाएं- केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह
किसानों को कहीं कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए, खाद सबको मिलें, शिवराज सिंह ने दिए निर्देश
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उर्वरक कंपनियों से समन्वय कर समान रूप से वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें-शिवराज सिंह
डीएपी के अतिरिक्त रैक दिलवाने के लिए मंत्रालय स्तर पर फॉलोअप किया जाएं- शिवराज सिंह चौहान
वितरण केंद्रों पर टोकन नंबर देने के साथ ही किसानों के बैठने और पेयजल आदि की सुविधाएं हों-शिवराज सिंह
खाद के साथ टैगिंग की शिकायतों और ब्लैकमेलिंग के मामलों में कठोरतम कार्रवाई के शिवराज सिंह ने दिए निर्देश
नकली खाद बेचना महापाप, नकली या घटिया खाद के मामले में कड़ी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्रियों को शिवराज सिंह ने भेजे हैं पत्र
किसानों को हुए फसलों के नुकसान की पूरी भरपाई फसल बीमा योजना और आरबीसी 6/4 के प्रावधानों के तहत की जाएं- शिवराज सिंह
सीहोर (म.प्र.)/नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2025, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र सीहोर के किसान भाइयों-बहनों को खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में आज सीहोर कलेक्टर कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक ली। बैठक में शिवराज सिंह ने निर्देश दिए कि किसानों को कहीं कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए, खाद सबको मिलना चाहिए।
सीहोर के किसानों के हित में क्षेत्रीय विधायकों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक में क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को खाद का वितरण पूरी पारदर्शिता से किया जाएं। शिवराज सिंह ने बैठक में वर्चुअल जुड़े केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और उर्वरक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही भोपाल से जुड़े राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उर्वरक कंपनियों से समन्वय कर समान रूप से खाद वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
शिवराज सिंह ने सीहोर के लिए डीएपी के अतिरिक्त रैक दिलवाने के लिए मंत्रालय स्तर पर फॉलोअप करने को भी कहा, साथ ही रबी की बोवनी अच्छी तरह से संपन्न करने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को टोकन नंबर देने के साथ ही किसानों के बैठने और पेयजल आदि की सुविधाएं वितरण केंद्रों पर उपलब्ध करवाने के लिए भी दिशा-निर्देश दिए।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों से खाद के साथ टैगिंग (अन्य उत्पादों की जबरन बिक्री) की मिलने वाली शिकायतों और ब्लैकमेलिंग के मामलों में कठोरतम कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि नकली खाद बेचना महापाप है। उन्होंने नकली या घटिया खाद के मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भी भेजे है।
शिवराज सिंह ने पारदर्शी व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से खाद बुलेटिन प्रतिदिन मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से जारी करने के अधिकारियों को निर्देश दिए, साथ ही किसानों के बीच जागरूकता का प्रसार करने को भी कहा, ताकि खाद लेने में उन्हें कहीं कोई परेशानी पेश नहीं आएं।

शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों को इस बात के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे अन्य तरह की खाद के अलावा यदि एनपीके उपलब्ध हो तो वो ले लें। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सभी विभाग किसानों के मामले में संवेदनशील होकर कार्य करें, हमारे लिए हमारे किसान सर्वोपरि है, उन्हें कोई तकलीफ बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए।
किसानों को हुए फसल नुकसान के संबंध में निर्देश
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा कि किसानों को अतिवर्षा, अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण हुए सोयाबीन और अन्य फसलों के नुकसान की पूरी भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और आरबीसी 6/4 के प्रावधानों के तहत की जाए। शिवराज सिंह ने निर्देश दिए कि कि निजी बैंकों के स्तर पर भी किसानों द्वारा जमा की जाने वाली प्रीमियम और उन्हें फसल बीमा के क्लेम की राशि मिलने में कहीं कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए।
बैठक में, रिमोट सेंसिंग सहित तकनीक आधारित आंकलन के अलावा फसल नुकसान, विशेषकर सोयाबीन की फसल के संबंध में क्रॉप कटिंग एक्सप्रिमेंट करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह द्वारा निर्देशित किया गया, ताकि किसानों के नुकसान का वास्तविक आंकलन हो सकें और उन्हें पूरा क्लेम मिल सकें।
शिवराज सिंह ने कहा कि हमने किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियम, प्रावधानों को काफी सरल किया है और अनेक सुधार किए है। इसके अंतर्गत नुकसान की स्थिति में सर्वे के लिए अब गांव को इकाई, आधार माना गया है, ताकि किसानों को यदि कोई फसल का नुकसान होता हैं तो उन्हें पूरा मुआवजा मिल सकें।
बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने साफ तौर पर कहा कि प्रशासन के स्तर पर नुकसान का सर्वे सही तरीके से हो, वहीं बीमा कंपनियां क्लेम देने की व्यवस्था को अच्छी तरह से लागू करें। एसडीएम अपनी टीम जहां जरूरत हो, वहां भेजें। पुराने मामले में भी यदि किसानों को क्लेम नहीं मिल पाया हो तो उसे क्रॉसचेक करा लिया जाएं। कुल मिलाकर, किसानों को परेशानी नहीं होना चाहिए।
बैठक में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के PMFBY के सीईओ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कंपनियों के प्रतिनिधि तथा जिला प्रशासन के अधिकारी हाइब्रिड मोड में शामिल हुए।
Reported By Mamta Chaturvedi
