पूर्व CJI को राजद सांसद की नसीहत-जस्टिस गोगोई राज्यसभा जाने से करे इनकार
राम जन्मभूमि राफेल डील चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाना सबरीमाला मंदिर और सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर प्रकाशित करने पर पाबंदी जैसे तमाम बड़े फैसलों पर मामलों पर फैसला देने वाले चीफ जस्टिस को सदैव देश याद करता रहेगा।
शायद यही वजह है कि जब उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित करने का फैसला लिया तो इस पर विवाद बढ़ गया कांग्रेस के साथ आई एम आई के असदुद्दीन ओवैसी समेत कई विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए अब आजादी की तरफ से कहा गया कि पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई को खुद से राज्यसभा जाने से इंकार कर देना चाहिए
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि पूरे सिस्टम पर लोगों का भरोसा कायम रहे इसलिए पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राज्यसभा का पद स्वीकार नहीं करना चाहिए।
दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने दावा किया कि न्यायपालिका और खुद की इमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे।
कपिल सिब्बल करते हुए कहा कि जस्टिस अपनी ईमानदारी और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं राज्य सरकार के साथ खड़े होने सरकार और खुद के इमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा क्या ये ईनाम है न्यायाधीशों की स्वतंत्रता पर यकीन कैसे करेंगे?
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हो गए थे उनके रिटायरमेंट होने से पहले उन्हीं के अध्यक्षता में बनी अयोध्या मामले और कुछ महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया था अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राज्यसभा के लिए नामित किया जिसके बाद बवाल शुरू हो गया..
