कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में होगा पंचायतों का इस्तेमाल, छोटे इलाकों को मिलेगा
1 min read
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में होगा पंचायतों का इस्तेमाल, छोटे इलाकों को मिलेगा फायदाकोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से सारे कारोबार बंद हो चुके हैं। ऐसे में इसका बड़ा असर मजदूर और गरीब तबके पर देखने को मिल रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से दिए जा रहे राहत पैकेज में कई सुविधाएं हैं, लेकिन कई गरीब परिवार ऐसे हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिन 30 लाख लोगों के राशन कार्ड के आवेदन पहले रद्द कर दिए गए थे, अब उनकी फिर से जांच की जाएगी। इसके अलावा कोविड-19 से सुरक्षा के लिए सुशील मोदी ने पंचायतों को पांचवे वित्त आयोग की अनुदान राशि खर्च करने को कहा है।
सुशील मोदी ने कहा कि पंचायतें पांचवे वित्त आयोग से मिली अनुदान राशि से नागरिकों, कर्मचारियों और आइसोलेशन वार्ड में रह रहे लोगों को मास्क, सैनिटाइजर, साबुन, गलब्स जैसी चीजों को मुहैया कराने के लिए खर्च कर सकेंगी। उन्होंने आगे कहा कि इस राशि से गांव या छोटे शहरों में सैनिटाइजेशन करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही कोरोना वायरस को रोकने के लिए कई उपाय किए जा सकेंगे। इनमें ब्लिचिंग पाउडर और अन्य चीजों का छिड़काव शामिल है। सुशील मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतों के अनुदान मद में 9 लाख रुपये, पंचायत समितियों में 20 लाख और जिला परिषद के अनुदान मद में 2 करोड़ तक की राशि रखी हुई है।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस दौरान कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए इलाज से ज्यादा बचाव जरूरी और कारगर साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन करने से मुश्किलें तो हुईं हैं, लेकिन इसके चलते कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को कम रखने में बड़ी कामयाबी मिली है।
सुशील मोदी ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर सोमवार को टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वास्थ मंत्री मंगल पांडेय और उनके साथ 600 से अधिक भाजपा मंडल अध्यक्षों से बात की। इस दौरान कोरोना की सारी जानकारी और उससे बचाव के लिए सभी लोगों को ‘आरोग्य सेतु एप’ को डाउनलोड करने की बात कही गई। इस, एप के जरिए अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव मरीज के पास जाता है तो उन्हें अलर्ट मिल जाएगा।
