AIIMS डायरेक्टर गुलेरिया का बड़ा बयान, जनवरी के शुरू में मिल सकती है कोरोना टीके को मंजूरी
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भारत को जल्द ही अपनी यानि देसी वैक्सीन की सौगात मिलने वाली है। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने बताया कि इस महीने के आखिर में या आने वाले नए साल के जनवरी के शुरू में वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। ब्रिटेन पहला ऐसा पश्चिमी देश है जहां कोरोना वैक्सीन फाइजर के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है और अगले हफ्ते से उपलब्ध भी होगी ।

रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमारे पास ऐसे वैक्सीन हैं जो ट्रायल के अंतिम स्टेज में है उन्होंने उम्मीद जताई की भारतीय नियामक इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे देगी। इसके बाद हम लोगों को वैक्सीन देना शुरू कर देंगे। गुलेरिया ने कहा कि हमारे पास इस बात को साबित करने के लिए ज्यादा डेटा है कि ये वैक्सीन सेफ है। वैक्सीन सेफ्टी से कोई समझौता नहीं किया गया है। 70 से 80 हजार वालंटियर्स को टीका लगाया गया है। उनमें कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया। डाटा से पता चलता है कि अल्पावधि में टीका सुरक्षित है।
गुलेरिया ने कहा कि टीके की आपात मंजूरी से जनता के लिए टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी। इसके लिए कोल्ड चेन बनाने, उपयुक्त स्टोर वेयरहाउस उपलब्ध कराने, रणनीति विकसित करने, टीकाकरण और सीरिंज की उपलब्धता को लेकर केंद्र और राज्य स्तर पर बड़े पैमाने पर काम चल रहा है।

टीकाकारण को लेकर एम्स निदेशक ने कहा कि शुरुआत में टीका सभी को देने के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होगा। हमें ये देखने के लिए एक प्राथमिकता सूची की जरूरत है कि हम उन लोगों का टीकाकरण करें जिनके कोरोना की वजह से मरने की संभावना ज्यादा है। बुजुर्गों, दूसरी बीमारियों से पीड़ित और फ्रंट लाइन वर्कर्स को पहले टीका लगाया जाना चाहिए। बूस्टर खुराक दिए जाने के बाद, टीका शरीर को अच्छी मात्रा में एंटीबॉडीज का उत्पादन शुरू कर देगा। ये कई महीनों तक सुरक्षा प्रदान करेगा
गुलेरिया ने कहा कि अगले 2-3 महीने में वैक्सीन लगने की पूरी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, देश में हर जगह वैक्सीन पहुंचेगी, अगले साल की शुरुआत में एक नहीं, बल्कि 2-3 वैक्सीन उपलब्ध होगी। ज्यादा वैक्सीन होगी तो ज्यादा मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध होगी ।
देश में कोरोना के केसों को लेकर दिल्ली एम्स के निदेशक ने कहा कि मौजूदा वक्त में कोरोना लहर में गिरावट देख रहे हैं और आशा है कि ये जारी रहेगी। हमें कोविड-19 के मद्देनजर सही व्यवहार करना होगा। अगर हम अगले 3 महीनों तक उचित व्यवहार को जारी रखते हैं तो हम महामारी के मामले में एक बड़ा परिवर्तन करने के करीब पहुंच जाएंगे।
