December 9, 2025

पूर्वांचल की बात

संसद की नई बिल्डिंग की तस्वीर आई सामने, 10 दिसंबर को पीएम मोदी करेंगे भूमि पूजन

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अंग्रेजों के जमाने का बना संसद भवन जल्द ही इतिहास बनने वाला है। भारत के नए संसद भवन की पहली तस्वीर सामने आई है। संसद भवन की नई इमारत का डिजाइन त्रिभुज में हैं। पुराने संसद के पास ही नए भवन का निर्माण होगा। नई इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्टस लिमिटेड करेगी।

पीएम मोदी 10 दिसंबर को संसद की इस नई इमारत का भूमि पूजन करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पीएम मोदी को भूमि पूजन का न्योता दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नया संसद आत्मनिर्भर भारत का एक ऐसा मंदिर होगा जो देश की विविधता को दर्शाएगा। ये पुरानी संसद से 17 हजार वर्गमीटर बड़ा होगा। ओम बिरला ने कहा कि 971 करोड़ रुपये की लागत से 64,500 वर्गमीटर में क्षेत्र में बनेगा। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नए भवन की डिजाइन एचसीपी, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है।

नया संसद भवन करीब 21 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। ओम बिड़ला ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर नए संसद भवन में दोनों सदनों के सत्र की शुरुआत करें। उन्होंने बताया कि नए भवन में लोकसभा में 888 सदस्य बैठ सकेंगे और राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य बैठ सकेंगे। मौजूदा समय में लोकसभा के 543 और राज्यसभा में 245 सदस्य हैं। ओम बिड़ला ने कहा कि लोकसभा हॉल में एक साथ 1224 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी।

नए भवन में एक बड़ा कॉस्टीट्यूशन हॉल होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दिखाई देगी। इसके साथ ही संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्प्ले भी होगा। कॉन्स्टीट्यूशन हॉल में भारत यात्रा पर आने वाले विदेशी प्रतिनिधिमंडलों को जाने की अनुमति होगी। जिससे वो संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की यात्रा के बारे में जान सकें। नए भवन में संसद सदस्यों के लिए अलग-अलग ऑफिस होंगे। इसके साथ सांसदों के लिए लाउंज, लाइब्रेरी, समिति कक्ष और डाइनिंग एरिया, पार्किंग स्पेस भी होगा। सांसदों के लिए डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जो संसद को पेपरलेस बनाने की दिशा में अग्रणी कदम साबित होंगी।

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए भवन का निर्माण मौजूदा भवन के पास किया जाएगा। इस परियोजना के तहत एक नए त्रिकोणीय संसद भवन, एक संयुक्त केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 3 किमी लंबे राजपथ के पुनर्निमाण की परिकल्पना है ।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नए संसद भवन  के निर्माण के दौरान  इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि वायु और ध्वनि प्रदूषण न हो साथ ही वर्तमान भवन में संसद की कार्यवाही या प्रशासनिक कामकाज बाधित हो

मौजूदा संसद भवन का निर्माण अंग्रेजों ने 1927 में किया था। जिस दौरान इस संसद भवन का निर्माण हुआ, उस वक्त सिर्फ एक ही सदन होता था लेकिन आजादी के बाद लोकसभा और राज्यसभा के रूप में 2 सदन बनने पर सदस्यों को बैठने के लिए जगह की कमी होने लगी।

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