सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान, कृषि कानून की पीएम ने की हिमायत
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कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी है। किसान दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं, दिल्ली जाने पर अड़े किसानों ने पीएम मोदी का पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों के धरने की वजह से NH-44 पर से सिंघु राई बीसवां मील चौक से बॉर्डर तक करीब 7 किमी लंबा भीषण जाम लगा है। किसानों ने मांग की है कि सरकार के प्रतिनिधि सिंघु बॉर्डर आकर उनकी बातें सुने और उनकी मांगे पूरी करें। सिंघु के साथ-साथ टिकरी बॉर्डर पर भी डटे हुए हैं। हालांकि इस बीच उन्हें उत्तरी दिल्ली में बुराड़ी के निरंकारी मैदान पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत दे दी गई है। लेकिन किसान अभी यहां से हटने के लिए तैयार नहीं हैं और लगातार रामलीला मैदान या जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपनी मांग पर कायम हैं।

इधर किसानों के धरना-प्रदर्शन के बीच पीएम मोदी ने रेडियो पर ‘मन की बात’ की। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कृषि कानूनों की हिमायत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे किसानों के लिए नए रास्ते खुले हैं। काफी विचार-विमर्श के बाद भारतीय संसद ने कृषि कानूनों को ठोस रूप दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि काफी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया है। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के कई बंधन खत्म हुए हैं, बल्कि नए अधिकार और नए अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में किसानों की परेशानियों को दूर करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस क़ानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम को 1 महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा।
